स्टॉक मार्केट को कैसे तोड़ा जाता है
दोस्तो अभी के समय में निफ्टी50 ₹18696 पर ट्रेड कर रहा है. अभी के समय में इंवेस्टमेंट के लिए दुनिया का सबसे बेस्ट मार्केट इंडिया का है. अलग अलग ब्रोकर एजेंसी होती है या फिर क्रेडिट रेटिंग एजेंसी स्टॉक मार्केट के बारे में नेगेटिव न्यूज बाहर लीक करते है. जिससे रिटेल इन्वेस्टर अपने इन्वेस्टमेंट को बचाने के लिए सारा पोर्टफोलियो बेच देते है. जिससे मार्केट में बहुत बड़ी गिरावट आती है और इस गिरावट का फायदा यह ब्रोकर और क्रेडिट एजेंसी उठाती है.
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गोल्डमैन सच्स के टॉप एक्जीक्यूटिव कहते है की फॉरेन इन्वेस्टर इंडियन मार्केट में निवेश करने में दिलचस्पी ले रहा है. लेकिन अभी इंडियन मार्केट अपने टॉप पीक पर है. जिसकी वजह से इंडियन मार्केट को तोड़ने की वजह ढूंढी जा रही है. 2020 में मार्केट क्रैश होने के बाद बड़े बड़े इन्वेस्टर और फॉरेन इन्वेस्टर ने फायदा उठाया था. उससे पहले भी 2008 में मार्केट को तोड़ा गया था. जिससे रिटेल इन्वेस्टर भाग जाते है और उसके बेचे हुआ पोर्टफोलियो का फायदा ऐसे बड़े बड़े इन्वेस्टर्स और फॉरेन इन्वेस्टर्स ले जाते है.
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फॉरेन इन्वेस्टर इंडियन मार्केट में क्यों ले रहे है दिलचस्पी
- गोल्डमैन के टॉप एक्जीक्यूटिव के मुताबिक इंडियन मार्केट अपने मैन्युफैक्चर क्षमता को और इन्फ्रास्ट्रक्चर में काफी सुधार कर रहा है.
- जिसकी वजह से पेंडेमिक के समय फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट ने इंडियन मार्केट में $50 to$55 बिलियन का इन्वेस्टमेंट किया था.
- इंडिया की सरकार कंपनियों को अपने मैन्युफैक्चर कैपिसिटी और इन्फ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने के लिए प्रोत्साहन दे रही है.
- अभी के समय में कोई भी बड़ी कंपनी अपने बिजनेस के लिए चीन पर डिपेंड नही रहना चाहता है, इसके लिए भारत फॉरेन इन्वेस्टर्स को इंडिया में निवेश करने के लिए लुभा रहा है.
फॉरेन इन्वेस्टर को मार्केट को क्रैश करने में सफलता क्यों नही मिल रही है
अगर हम पिछले 1 साल का निफ्टी50 का ग्राफ देखते है तो आपको उसमे देखने को मिलेगा की कई बार फॉरेन इन्वेस्टर्स ने मार्केट को तोड़ने की कोशिश की है. लगातार कई बार मार्केट से अपने निवेश को बेच कर मार्केट को तोड़ने की कोशिश की है. लेकिन dis (डोमेस्टिक इंस्टीट्यूशन इन्वेस्टर्स) ने उनकी साजिश पूरी नहीं होने दी. अभी के समय में dis के पास बहुत ही अच्छा पैसा है क्योंकि रिटेल इन्वेस्टर म्यूचुअल फंड्स में निवेश बहुत ज्यादा पैमाने पर कर रहे है. एक रिपोर्ट के मुताबिक 2022 में हर महीने 13 हजार करोड़ रुपए की एसआईपी म्यूचुअल फंड्स में हो रही है.
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स्टॉक मार्केट क्रैश होने पर क्या करें
अगर स्टॉक मार्केट में क्रैश होता है तो आप पहले से ही अपना माइंडसेट बनाके रखना के चाहे जो भी हो जाए में डरूंगा नही. क्योंकि बड़े बड़े इन्वेस्टर अपने फायदे के लिए मार्केट को तोड़ते है और रिटेल इन्वेस्टर्स के मन में डर पैदा करते है जिससे रिटेल इन्वेस्टर्स डर के भाग जाते है. आप लॉन्ग टर्म के लिए निवेश कर रहे हो तो आपको ऐसे मार्केट क्रैश से डरने की जरूरत नहीं है, क्योंकि मार्केट अगर गिरता है तो वह दुगनी तेजी से ऊपर भी आता है.
(Disclaimer : stocksgyani.com पर आपको निवेश की सलाह नही दी जा रही है. शेयर मार्केट में निवेश करने से पहले एक्सपर्ट की राय जरूर लेनी चाहिए वरना नुकसान भी हो सकता है.)